1915 में, गांधीजी भारत वापस आए और स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए। उन्होंने अहिंसा और सत्य का मार्ग अपनाया और लोगों को अंग्रेजों के खिलाफ विरोध करने के लिए प्रेरित किया।
15 अगस्त, 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिली। गांधीजी की अहिंसा और सत्य की नीतियों ने भारत को स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।